Tuesday, July 4, 2017

श्री शैलम से चेन्नई/-Day 3/10 जून 2017

सुबह जब हम सोकर उठे ...7 बजे थे  हम लोग 8 बजे तक तैयार हो गये थे । अजय भाई परिवार सहित पूजा करने गये थे जो अभी तक नहीं आये थे ।हम लोग इंतजार करते रहे...फ़िर फोटोग्राफी करने लगे....सामने ही नल्लामल्ला की पहाडिय़ा दिख रही थी...एक लकड़ियों का ढेर लगा था जिसमें से एक आदमी लकड़ियां लेकर जा रहा था....सामने पानी देखा तो माँ बेटे ने  वॉटर कूलर बोतल  में पानी भर लिया ।और गाड़ी में सामान सही तरह से रख लिया ।

नल्लामल्ला की पहाड़ियां

                                                          

धर्मशाला जहाँ हम रुके थे    

 





9 बजे अजय भाई आये..
अजय भाई बहुत मजाकिया हैं ।
दक्षिण के लोगों का रंग कुछ साँवला होता है..और अजय भाई का भी कुछ उनके जैसा ही है...आते ही बोले....यहाँ आकर ऐसे लग रहा जैसे  मैं अपने देश आ गया हूँ ....सब के सब मेरे ही जैसे...हम सब हँसने लगे ।         
अजय भाई और भाभी जी

9:30बजे  हम श्रीसैलम  गजानन मंदिर के दर्शन के लिये निकल लिये जो रास्ते में ही था....कहते हैं कि गणेश जी के इस मंदिर के बिना श्रीसैलम की यात्रा अधूरी मानी जाती है.......10 बजे हम गाड़ी में बैठ  लिए....नन्दी जी की बड़ी प्रतिमा के साथ ही इस तरफ़ फ़िर से श्रीसैलम की वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का एक gate मिला......और ढेर सारे बोर्ड...बाँस के जंगलों के बीच बहुत शानदार सड़क........गाड़ी चलाने का मेरा शौक परवान चढ़ रहा
था..क्या मस्त नजारे थे ।

गजानन मंदिर श्री सैलम

                                          
                                             


नंदी जी श्री सैलम
श्री सैलम डोरनाला रोड

इस बार भी सिर्फ बोर्ड देखे
नागार्जुन सागर श्री सैलम टाइगर रिज़र्व

श्री सैलम आंध्रप्रदेश के कूर्नूल जिले में है....हमें आंध्रप्रदेश के प्रकाशम और नेल्लौर जिलों से होते हुए..475 km दूर तमिलनाडु के चेन्नई पहुँचना था...श्रीसैलम  से 50 km दूर डोरनाला तक नल्लामल्ला की पहाडिय़ा थी...फ़िर सपाट रास्ते....पहाडिया ख़त्म होते होते  ऊपर से ही लाल मिट्टी के खेतों का बेहतरीन नजारा देख दिल खुश हो गया....यहाँ नीचे एक खेत में ट्रैक्टर से जुताई हो रही थी जो सीधी न होकर आड़ी की जा रही थी...हमारे up में ऐसे नहीं जोतते सिर्फ सीधा और बेड़ा।ऊपर से pic ली फिर जूम किया और click click गजब pics थी....फोटो लेकर हम बढ़ गये....
  
              डोरनाला के खेत                                              

               जुताई करता ट्रैक्टर                                     

           थोडा और ज़ूम करो                          

अब आया पूरा फोटो






                                              
यहाँ से सिंगल शॉर्टकट रोड थी...जो
आगे जाकर चौड़ी हो गयी...इन रास्तों पर कोई ढाबा ही नहीं था तो रास्ते में ही एक मार्केट में हल्का नाश्ता किया था....मैंने तो एक सेब और नारियल पानी पिया था...बाकियों ने शेक पिया जो पपीते और कई फलों को मिलाकर बनाया गया था ...मरकापुर -कनिगिरि -होते हुए कन्डुकुर के पास....हम भारत की स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के...चेन्नई..कोलकाता फोर लेन हाईवे पर  मिल गये...!!
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के अन्तर्गत चार फोर लेन हाईवे बनाये गये है...जो देश के चारों बड़े महानगरों को एक दूसरे से जोड़ते हैं..
चेन्नई -मुम्बई NH 48....
मुम्बई -दिल्ली ये भी NH 48...
दिल्ली -कलकत्ता NH19  कहलाता है... कोलकाता -चेन्नई NH 16 ...जिस पर हमें चलना था....।।
लगभग 3 बजे थे...
200 km सफर हम तय कर चुके थे.....
नेल्लौर से पहले ही धान के हरे भरे खेत देख हम रुके वहाँ pics ली दूसरी तरफ़ नीचे बहुत सारे ट्रक खड़े थे..बढिया हवा चल रही थी...
 सिंगल लेन डोरनाला से मरकापुर
दूर होती नल्लामल्ला कि पहाड़िया
 

कनिगिर के आसपास 
        नेल्लोर से पहले धान के हरे भरे खेत              
                                         
                                         

तभी देखा उसी टायर में फ़िर हवा कम थी....जिसमे कल पंचर बनवाया था... नेल्लौर पहुँचे ।एक मिस्त्री के यहाँ रुके तो उसके पास किट नहीं थी पर उससे हमने ये क्लियर कर लिया था कि हवा उसी जगह से निकल रही जहाँ कल पंचर बना था ।खैर एक km बाद नेल्लौर शहर के लिये रोड थी जिस पर दो तीन km चलते ही MRF टायर का showroom था ।यहाँ सब ऑप्शन थे नया टायर या ट्यूब
और सारी मशीनें भी थी.....2 मिनिट में टायर अलग...ट्यूब डलवाने पर बब्लिँग का संदेह था तो टायर ही चेंज करवा लिया....।6400 रु का झटका लगा ।
MRF का सर्विस सेंटर नेल्लोर तमिलनाडु
                                             
इसकी वजह से 64 सौ गये

 सफ़र में  स्थायी इलाज जरुरी      

                                             
इतनी देर में बच्चे अपनी माताओं संग पास के रेस्टोरेंट में घुस गये...यहाँ हर चीज़ केले के पत्ते रखकर देते हैं ...इडली डोसा सांभर बड़ा ....सब कहीं मिलेगा ।खा पीकर हमें ध्यान आया कि wiper की blade भी चेंज करवा ले।नजदीक ही दुकान मिल गयी ।
5:30 पर हम वहाँ से चले....एक तो पहले से ही late थे ऊपर से इस सवा घंटे की देरी ने ये तय कर दिया कि चेन्नई घूमना अगली बार के लिये...बकाया करना होगा।चेन्नई 180 km था और गूगल बाबा 3:20 मिनिट दिखा रहे थे ।जिसका मतलब 9 तो बजने ही थे ।
पर मेरा अनुभव था कि दस बजेंगे...क्यों कि बड़े शहर के काफी पहले से ही ट्रैफिक बढ़ जाता है.....चेन्नई से 100 KM पहले नेदुपेट्टा तक का ज्यादातर एरिया मेरा घूमा हुआ था इसके बाद क्या है ??? ये कौतूहल का विषय था ।

  

अब जाकर पेट पूजा का मौका मिला       

  
             
 अँधेरा होते ही पता चला कि दाहिनी हेडलाइट का upper काम नहीं कर रहा ।एक तो धुंधलका ऊपर से ट्रैफिक तीसरे लाइट भी ठीक नहीं हम और slow हो गये ।
 अगले दिन सुबह हमको महाबलीपुरम घूमना था तो नेविगेशन पर उधर का ही डेस्टिनेशन डाल चलने लगे ।
एक जगह पर अजय भाई को कार पार्ट्स की दुकान दिखी तो जल्दी से बल्ब चेंज करवाया और एक रख भी लिया।और उपरवाले से दुआ करी कि अब गाड़ी में कुछ न हो।हमारा इरादा चेन्नई क्रॉस करके महाबलीपुरम रोड पर चेन्नई में ही रुकने का था क्यों कि चेन्नई से महाबलीपुरम के बीच बहुत कुछ घूमने को था....ताम्बरम के पास हम हाईवे से नीचे उतर गये और बढ़िया रेस्टोरेंट में खाना खाया....मैंने fried rice लिये सफर में लाइट फूड ही खाता हूँ मैं ।बाकी सबने अपनी पसंद की डिश ली और भरपेट भोजन किया साथ मे आइसक्रीम
वहीं के  मैनेजर से रूम पूछा तो उसने ताम्बरम बस स्टॉप के सामने एक होटल बताया....पर इतना ट्रैफिक था कि हम घूम ही नहीं सकते थे ।एक दो से पूछा तो आगे chrompet में बताया। गूगल serch किया तो chrompet में एक पर्ल कारपेट रेजिडेन्सी दिखी...नम्बर मिलाया ।तो 2 ac रूम के 4000 rs बताये गए फाइनल 3000 में हमने 2500 कहे तो वो राज़ी हो गए। देखते हुए आगे बढ़ते रहे,कोई होटेल नहीं मिला तो वहीं पहुँच गये।ये एक होम रेसिडेन्सी थी.....बेहतरीन कमरे थे......एक रूम साफ नहीं था तो इंतजार किया......।
इस बीच हमारे साहबजादे जिस बाथरूम में थे उसका लॉक अंदर से फस गया....उनके बन्दो के सब try करने के बाद अजय भाई की दो  लातों से दरवाजा प्लाई लेकर खुल गया ।
 अब कल दोपहर तक का समय बच्चों के लिये था ...क्यों कि बच्चों की तीन दिन से..अपनी डिमांड थी ....!!
जय भोले नाथ..!!
 
रूम और सर्विस  ठीक थे पर्ल कारपेट रेजीडेंसी के

 

26 comments:

  1. बहुत ही बढ़िया यात्रा विवरण संतोष भाई जी

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  2. मिश्रा जी आप भले ही ब्लॉग की दुनिया में नये हो
    लेकिन लिखने में आप काफी मेहनत कर रहे हैं और इस मेहनत को बरकरार रखिएगा आप बहुत ही अच्छा लिख रहे हैं,
    दक्षिण कि इस यात्रा का हम आपके लेखन और चित्र द्वारा भरपूर आनंद ले रहे हैं

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    1. आप अगर इतनी जिद ना करते तो मई अभी भी नहीं ब्लॉग पर आ पाता सब आपके सानिध्य का नतीजा है गुरुदेव .....यही प्रेम बनाये रखियेगा I

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    2. बढिया यात्रा चल रही है आपकी भी लगातार ओर मेरी भी लगातार :) :) :)

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    3. बढिया यात्रा चल रही है आपकी भी लगातार ओर मेरी भी लगातार :) :) :)

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  3. मैंने आपको सिर्फ प्रेरित किया,
    मेहनत आपकी है, लगे रहिए।

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    1. यही जरूरी चीज है भाई जी ।

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  4. जय भोलेनाथ।

    मिश्रा जी पंचर किट और पम्प भी रख लो गाड़ी मे

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    1. जी भाई जरूर किट औऱ पंप भी जरूरी है।

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  5. बहुत ही बढ़िया यात्रा विवरण लिखा है संतोष भाई आपने दक्षिण भारत की यात्रा में बहुत ही जानकारी भरा रहेगा हमारे लिए

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    1. लोकेन्द्र भाई धन्यवाद

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  6. पहली 2 पोस्ट की जैसी है शानदार पोस्ट संतोषभाई,
    अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा

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    1. वसंत भाई बिल्कुल जल्द ही आएगी ..

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  7. धीरे2 लेखन शैली बढ़िया होती जा रही है संतोष भाई......

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    1. dhanywad mahesh भाई
      प्रयास जारी है ।

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  8. शानदार लेखनी संतोष भाई आपके लिए की सबसे अच्छी बात यह लगी कि आपने शब्दों के समाप्त होती है डॉट डॉट का स्पेस दिया था जिससे पढ़ने के बाद हालात को अनुभव करने का वक्त मिलता गया । बहुत बढ़िया

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  9. जी भाई जी मुझे लिखने में भी टाइम मिलता है ....से ।
    धन्यवाद ।

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  10. बहुत बढिया मिश्रा जी

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  11. Replies
    1. धन्यवाद अनिल भाई जी ।

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  12. डॉयविंग करना पसंद हो तो यात्रा में ओर भी ज्यादा मजा आता है।लगे रहो

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  13. अजय भाई तो दक्षिण के लगते है पर आप भी कम नही हो दक्षिण के हीरो लगते हो 👌👌👌

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  14. डॉयविंग करना पसंद हो तो यात्रा में ओर भी ज्यादा मजा आता है।लगे रहो

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  15. डॉयविंग करना पसंद हो तो यात्रा में ओर भी ज्यादा मजा आता है।लगे रहो

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  16. डॉयविंग करना पसंद हो तो यात्रा में ओर भी ज्यादा मजा आता है।लगे रहो

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